Suhagrat ki raat pati patni ko kya karna chahiye:- शादी की पहली रात को सुहागरात (Suhagraat) कहा जाता है। सुहागरात सभी के जिंदगी का एक अहम हिस्सा माना जाता है। इस रात सभी लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं। पहली रात में लड़का व लड़की दोनों में ही समान उत्सुकता रहती है। सामान्य तौर पर सुहागरात का मतलब नव दंपति का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है। लेकिन जिंदगी की इस खास रात को इतना ही समझ लेना गलत होगा। दरअसल शादी के बाद सुहागरात पति-पत्नी के नए जीवन की वह पहली रात होती है, जिसमें वह दोनों एक साथ होते हैं और आपस में खूब सारे बाते करते हैं।
Suhagraat |
सुहागरात की रात पति-पत्नी को क्या करना चाहिए?
Suhagrat ki raat pati patni ko kya karna chahiye
सुहागरात की रात पति पत्नी एक नए रिश्ते में बंधते हैं, जो जीवन-भर का साथ निभाने का रिश्ता होता हैं। सुहागरात की रात में लड़का व लड़की दोनों में समान उत्सुकता रहती है और वो सोचते है कि वो अब क्या करेंगे। हालाँकि, घबराहट दोनों के मन में होती है लेकिन बिना किसी घबराहट के पति पत्नी को सुहागरात की रात नीचे दी गयी बातों को ध्यान में रख कर करना चाहिए।
सुहागरात की रात क्या करें : –
सुहागरात की रात अपने कमरों को फूलो से सजबाये
दुल्हा–दुल्हन के कमरे को फूलों से सजाया जाता है। और अच्छी खुसबू दार परफूम भी मारा जाता है। इसके बाद रात के समय दुल्हन को बादाम और केसर वाला दूध देकर पति के कमरे में भेजा जाता है। यही से सुहागरात की शुरूआत होती है। कमरे में आने के बाद सजी हुई दुल्हन अपने पति का इंतजार करती है। उसके बाद दुल्हा कमरे में आकर दुल्हन का घूंघट उठाता है और मुंह दिखाई करता है। उसके बाद लड़का गिलास का दूध पि लेता है।
सुहागरातकी रात एक दूसरे को तोहफा दें
अपने नए जीवन की शुरूआत करते हुए पति अपनी पत्नी को उपहार देते है। इसको दुल्हन की मुंह दिखाई भी कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, सुहागरात की रात भगवान राम ने देवी सीता को एक पति-व्रत रहने का वचन दिया था। इसी वचन को तोहफ़ा में देवी सीता ने स्वीकार किया था। तभी से सुहाग रात की रात में तोहफ़ा देने का रिवाज़ चल पड़ा। आजकल भी लोग अपनी सुहागरात पर एक-दूसरे को तोहफ़ा देते हैं। ऐसे में सुहागरात के दिन एक-दूसरे को तोहफ़ा ज़रूर दें।
सुहागरात की रात आपसे में विश्वास से एक दूसरे को सहज करें
सुहागरात दिन एक दूसरे को तोहफ़ा देने के बाद पति-पत्नी को एक दूसरे को आपस में विश्वास के साथ सहजता लानी चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास से शुरू होता है और सहजता से आगे बढ़ता हैं। पति-पत्नी को डर व घबराहट के माहौल को सामान्य बनाने के लिए एक दूसरे के साथ हल्का -फुल्का मज़ाक करना चाहिए।
सुहागरात की रात एक दूसरे को जानने की कोशिश करें
सुहागरात दिन पति-पत्नी को एक दूसरे के साथ बातचीत करनी चाहिए और एक दूसरे को जानने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी आपस में जल्दी ही सहज हो जाते हैं और उन्हें अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। जब पति-पत्नी आपस में सहज हो जाते हैं तो दोनों के मन की घबराहट और शंका दूर हो जाती है। बातचीत के दौरान एक दूसरे की पसंद, ना पंसद, आदतों के बारे में जानने की कोशिश करें। एक दूसरे की अच्छाइयों को जानें। एक दूसरे के घरवालों के बारे में बताएं। इसी दौरान पति-पत्नी कुछ जरूरी बातों जैसे बच्चे के बारे में, अपनी जॉब के बारे में भी बात कर सकते हैं। इस तरह से सुहागरात दिन एक दूसरे को जानने की कोशिश करें।
सुहागरात की रात पर सेक्सस आदि के बारे में बात करें
जब पति-पत्नी एक दूसरे के साथ बातचीत के दौरान सहज हो जाते हैं, तो वो किसी भी बारे में बात कर सकते हैं। ऐसे में पति-पत्नी को बातों को आगे बढ़ाते हुए sक्स आदि के बारे में बात करना चाहिए।
कुछ लोगों की धारणा होती है कि अगर सुहागरात को पति-पत्नी के बीच सेक्सस नहीं होता है तो उनकी सुहागरात अधूरी रहती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। सुहागरात की रात सबसे अधिक जरूरी होता है कि आप दूसरे का एक दूसरे को समझना और सहज महसूस करना।
निष्कर्ष
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सुहागरात हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली सबसे अहम रात होती है। लेकिन आज के ज़माने में सुहागरात के मायने बदल गए है और आजकल पति और पत्नी का आपस में सहज होना अधिक जरूरी होता हैं।
सुहागरात सिर्फ दो जिस्मों का मिलन नहीं बल्कि एक नए जीवन की शुरूआत भी होती है।