अगर आपकी शादी हाल फिलहाल में हुई है और आप अपने सुहागरात को बेहतरीन और यादगार बनाना चाहते हैं, तो ये पूरा लेख आपके लिए हैं। तो इसके लिए प्रस्तुत है ये टिप्स।
शादी के बाद की पहली रात, जिसे आम तौर पर सुहागरात कहा जाता है। नवविवाहित जोड़े के मन में सुहागरात को लेकर काफी इच्छाएं और सपने होते हैं। लेकिन जैसा कि आमतौर पर लोग Suhagrat Ki Raat को सिर्फ फिजिकल रिलेशन से जोड़कर देखते हैं, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो फिर थोड़ा होशियार हो जाएं, क्योंकि हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको सुहागरात की रात तो बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए। तो चलिए सुहागरात को यादगार बनाने के लिए आजमाएं निचे दिये गए टिप्स।
सुहागरात को यादगार बनाने के लिए आजमाएं ये टिप्स
- पहली रात एक-दूसरे को अच्छी-तरह से समझने में बिताएं
सुहागरात की रात एक आइसब्रेकर की तरह होती है यानी यह वह रात होती है जब दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे को अच्छी-तरह से जान और पहचान सकें। इसलिए इस रात एक-दूसरे की पसंद और आदतों के बारे में जानने की कोशिश करना चाहिए। एक-दूसरे के साथ दोस्ताना भरे कुछ अंतरंग पल बिताएं। जरूरी नहीं कि आप संबंध को लेकर बातें करें। संबंध के अलावा और बहुत कुछ होते हैं बात करने के लिए, उन पर बात करें।
- फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश न करें
सुहागरात की रात अगर रिलेशन बनाने का ऐसा कोई ख्याल आपके दिमाग में चल रहा है, तो इसे अपने दिमाग से निकाल दें। क्योंकि शादी और उसके बाद की अन्य रस्मों-रिवाजों के चलते नवविवाहित कपल्स काफी बिज़ी रहते हैं और वे शारीरिक और मानसिक रूप से भी थक जाते हैं। ऐसे में किसी भी तरह के फिजिकल रिलेशन की कोशिश करना सही नहीं है। संबंध बनाने के लिए सारी जिंदगी पड़ी है। सुहागरात को दोस्ताना माहौल में हल्की-फुल्की बातों में एक दूसरे के साथ बिताएं।
- अपने जीवनसाथी पर शक न करें
कई बार लोग सुहागरात को अपने जीवनसाथी को शक भरी निगाहों से देखते हैं. इससे उन हसीन लम्हों का मजा तो किरकिरा होता ही है रिश्ते की बुनियाद भी कमजोर पड़ जाती है. बेहतर यह होता है कि दोनों एक-दूसरे के अतीत की बातें न करे, जो जीवन सामने है, उसे सजाने-संवारने की कोशिश करे।
सुहागरात की रात क्या होता है? Suhagrat Tips:- Suhagraat Ki Raat Kya Hota Hai
- किसी भी प्रकार का कोई दिखावा न करें
चूंकि यह आपके जीवन के एक नए सफर की शुरुआत है, इसलिए किसी भी तरह का दिखावा, चाहे वह आपके इमोशन्स का हो या ईगो का, बिल्कुल भी न करें। कंफर्टेबल रहें, दोस्ताना रहें, रोमांटिक रहें और चाहे तो एक-दूसरे से अपनी पसंद-नापसंद को लेकर बात कर सकते हैं।
- कोई एक्सपेरिमेंट ना करें
अक्सर पुरुष सुहागरात पर ही नए-नए एक्सीपेरिमेंट की योजना बनाते हैं। अगर आपके दिमाग में भी ऐसे कोई ख्याल हैं तो उसे तुरंत भूल जाएं। आप ध्यान रखें कि आप दोनों नई जिंदगी की शुरूआत करने जा रहे हैं ऐसे में साथी को पूरी तरह से बिना जानें, बिना समझे एक्सपेरिमेंट करना आपके नव-जीवन में खलल डाल सकता है।
निष्कर्ष
सुहागरात हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली सबसे अहम रात होती है। लेकिन आज के ज़माने में सुहागरात के मायने बदल गए है और आजकल पति और पत्नी का आपस में सहज होना अधिक जरूरी होता हैं।
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